हिन्दी भाषा # मेरी मौलिक रचना # हिन्दी दिवस

            हिन्दी भारत की निज भाषा             
हिंदी भाषा भारत की जीवनदायिनी रेखा है
आर्यव्रत भारत और इंडिया इसने बनते देखा है।

भाषा यह संस्कारों की संस्कृति को यह पाले है
आर्यव्रत की अस्मिता को गोदी में संभाले है।।

संस्कृत की लाडली बेटी अपभ्रंश की छोटी बहना
हिन्दू धर्म-कर्म सब इसमें ,साहिब इसका क्या कहना।

सिद्धार्थ के बुद्ध बनने का पाली प्राकृत में गायन है
ब्रज भाषा और अवधि में अध्यात्म का रूपायन है।

प्रेम और स्वीकार दोनों अपनी हिंदी जाने है
अरबी, अंग्रेजी शब्दों को अपनाए अपना माने है।

वैज्ञानिक है लिपि इसकी ज्ञान से भरा साहित्य है
विचार और संस्कार की वाहक काव्य का आदित्य है।

देववाणी की आत्मजा ,अथक प्रवाह से गतिमान है
गर्व से हिंदी भाषा बोलो हम सब का यह स्वाभिमान है।
गर्व से हिंदी भाषा बोलो हम सब का यह स्वाभिमान है।।
            अचला एस गुलेरिया
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                            हिन्दी शायरी दिल से

3 टिप्‍पणियां:

 thank God my blog is start working again