love shayari लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
love shayari लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

Dil shayrana,

           🌹दिल शायराना🌹
🌷तेरा घर मेरा घर बीच में दूरी ही.. दूरी।🌷
🌷रंग बदल बदल के आए तेरी कभी ..मेरी मजबूरी🌷

🌹आंख मिले ना चाहे ..हाथ मिले ना
दिल मिलने को है.. प्यार जरूरी🌷

🌹तेरे मिलन  की ...राह जोहती 
रोज खिलाउं... काग को चूरी🌷

🌹वही कहानी ....याद  करें सब
जिसमें रही हो हर ....बात अधूरी🌷                          ।                       अचलाएसगुलेरिया
                        Shayaripub.com 

good night

एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है,
 कोई जी लेता है जिंदगी, किसी की कट जाती है।

मुझे नजर अँदाज करने कि कुछ तो वजह बताते,,,
,,
अब मे कहाँ-कहाँ खुद मे बुराई ढूंढें
          Shayaripub.com 

good morning

मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाये हमने,
अफसोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,

मत पूछों क्या गुजरती है दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं है।                 shayaripub.com 


good morning

नज़र तलाशती हैं जिसको,
वो प्यारा सा ख्वाब हो तुम।
मिलती हैं दुनिया सारी,
न मिलकर भी लाजवाब हो तुम।
      Shayaripub.com 

dev,love shayari

कौन कहता है कि कुछ नहीं 
तेरे मेरे दरमियाँ...

वो एहसासों का हुजूम,
वो जज़्बातों का सैलाब,,
देव की कलम से

वो अनकही बातें,
वो अनछुए अरमाँ,,

बिखरी सी ख़्वाहिशें,
फैले से ख़्वाब,,

वो सुकूँ के बिछे गलीचे,
वो ख़यालातों के बगीचे,,

वो महकती हुई साँसें,
उम्मीदों की मुस्कान,,

कौन कहता है कि कुछ नहीं 
तेरे मेरे दरमियाँ...

good morning

देव की कलम से
सुना है !तुम्हारी एक निगाह से
कत्ल होते हैं लोग🌹🌹
🌷🌷एक नज़र हमको भी देख लो
ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती *तुम बिन* 🙏🌹

Goodmorning

.                  

          एक बार एक व्यक्ति नाई की दुकान पर अपने बाल कटवाने गया। नाई बहुत बडा़ नास्तिक था वह किसी ईश्वरीय अस्तित्व पर विश्वास नहीं करता था, बाल काटते समय उन दोनो के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते “ईश्वर” के विषय पर बातें करने लगे। तभी नाई ने कहा- "मैं ईश्वर के अस्तित्व को कतई नहीं मानता और इसीलिए तुम मुझे नास्तिक भी कह सकते हो।" व्यक्ति ने आश्चर्य से पूछा- “तुम ऐसा क्यों कह रहे हो। अरे ईश्वर तो जग के कण कण में है।
 नाई ने कहा- “बाहर जब तुम सड़क पर जाओगे तो तुम समझ जाओगे कि ईश्वर का अस्तित्व नहीं है। अगर ईश्वर होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते ? क्या इतने सारे लोग बीमार होते ? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती ? ईतने पाप होते क्या कष्ट या पीड़ा होती ? मैं ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं कर सकता जो इन सब की अनुमति दे।" व्यक्ति ने थोड़ा सोचा लेकिन वह वाद-विवाद नहीं करना चाहता था इसलिए चुप रहा और नाई की बातें सुनता रहा।
          नाई ने अपना काम खत्म किया और वह व्यक्ति नाई को पैसे देकर दुकान से बाहर आ गया। वह जैसे ही नाई की दुकान से निकला, और ऐक ढाबे में चाय पिने लगा कुछ देर बाद  उसने सड़क पर एक लम्बे-घने बालों वाले एक व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी और ऐसा लगता था शायद उसने कई महीनों तक अपने बाल नहीं कटवाए थे। सड़क पर खड़े हो कर वह बेतरबीब से सिगरेट पी रहा था  वह व्यक्ति उठकर नाई की दुकान में दुबारा घुसा और उसने नाई से कहा- “क्या तुम्हें पता है ? नाइयों का भी अस्तित्व नहीं होता।” नाई ने उसे घूरते हुवे कहा- कया मतलब आप कहना कया चाहते है “
मैं कहना चाहता हूं कि नाई इत्यादि कुछ नहीं होता है न ही नाई कि ज़रूरत है।
 तुम कैसी बेकार बातें कर रहे हो ? क्या तुम्हें मैं दिखाई नहीं दे रहा ? मैं यहाँ हूँ और मैं एक नाई हूँ। और मैंने अभी-अभी तुम्हारे बाल काटे हैं।” तूम पगला गये लगते हो  व्यक्ति ने कहा- “नहीं ! नाई नहीं होते हैं। अगर होते तो क्या बाहर उस व्यक्ति के जैसे कोई भी लम्बे बाल व बढ़ी हुई दाढ़ी वाला होता ?" व्यक्ति ने बाहर खडे़ उस आदमी कि तरफ इशारा करते हुए कहा नाई ने कहा- “अगर वह व्यक्ति किसी नाई के पास बाल कटवाने जाएगा ही नहीं तो नाई कैसे उसके बाल काटेगा ?" व्यक्ति ने कहा- “तुम बिल्कुल सही कह रहे हो, यही बात है। ईश्वर भी होते हैं। लेकिन कुछ लोग ईश्वर पर विश्वास ही नहीं करते तो ईश्वर उनकी मदद कैसे करेंगे ?"
          विश्वास ही सत्य है। अगर ईश्वर पर विश्वास करते हैं तो हमें हर पल उनकी अनुभूति होती है और अगर हम विश्वास नहीं करते तो हमारे लिए उनका कोई अस्तित्व 

     

Good night

मेरे अंदर कुछ टूटता है बिखर जाता है हर दिन
मैं अनसुना करती हूं उस आवाज को हर दिन

वह टूटन असहज करती है मुझे मगर उसको लादे पीठ पर थक  जाती हूं रुक जाती हूं  फिर आगे की तरफ चल देती हूं हर दिन

आंसू बरबस आते हैं अपने हालात पर उन्हें हाथ में पकड़ कर मसलती हूं कुछ सोचती हूं फिर स्याही बना उड़ेल  देती कागज पर हर दिन

बदल रहे दिन लोग शहर के शहर यह कौन बदल रहा ..और क्यूँ? बदलाव अच्छा भी हो तो  खा जाता है उसको  जो पुराना था पर अपना था यह मैं तन्हाई  में  सोचती हूं हर दिन

चेहरे पर लकीरें अनुभव की गहरी खाइयों की तरह घसीट रही हैं उन विचारों के भंवर में जहां डरते हैं अपनों से बिछड़ जाने से हर दिन

कोई पहले कोई बाद में जाने लगे हैं घर से चुपचाप उठकर किसी नए सितारों के शहर में बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है फिर सोचती हूं मैं भी तो जाऊंगी ऐसे ही चुपचाप उठ कर एक दिन

     Shayaripub.in

good night

तुम्हारे साथ रहकर
अक्सर मुझे महसूस हुआ है
कि हर बात का एक मतलब होता है,
यहाँ तक कि घास के हिलने का भी,
हवा का खिड़की से आने का,
और धूप का दीवार पर
चढ़कर चले जाने का।

गुजरे वक्त की हसीन यादों में खो जाने दो
जब तक अंधेरा है
दिल के शहर में
मुझे बस सो जाने दो
                       Shayaripub.com 


good morning

तुम्हारे साथ रहकर
अक्सर मुझे महसूस हुआ है
कि हर बात का एक मतलब होता है,
यहाँ तक कि घास के हिलने का भी,
हवा का खिड़की से आने का,
और धूप का दीवार पर
चढ़कर चले जाने का।

तुम्हारे साथ रहकर
अक्सर मुझे लगा है
कि हम असमर्थताओं से नहीं
सम्भावनाओं से घिरे हैं,
हर दिवार में द्वार बन सकता है
और हर द्वार से पूरा का पूरा
पहाड़ गुज़र सकता है।
               सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
                 Shayaripub.com 

सुप्रभात, राम राम

अचलाएसगुलेरिया कृत.....
ऐसे साथ निभा मन मेरे.. राम नाम गुण गाने दे
जीवन है अनमोल रे मनवा ...इस को सफल बनाने दे

हरि नाम में डूब जा मनवा शरणागत हो जा हरिका
उसके नाम की माला जप ले तोड़ दे हर बंधन जग का
सारे बंधन तोड़ के मुझको राम शरण में जाने दे ।।
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे

सुख दुख हो या हंसना रोना सब कुछ तेरी माया है
इसमें उलझ के मिट जाएगी यह जो कंचन काया है
उदासीन करके जग से मुझे चिदानंद तक जाने दे
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे

तू जो प्रेम करेगा हरि से हरि मुझे मिल जाएंगे
सब प्रपंच छोड़ जग के हम हरी नाम गुण गाएंगे
प्रभु से जन्म जन्म का रिश्ता निष्ठा से मुझे निभाने दे
ऐसे साथ निभा मन मेरे राम नाम गुण गाने दे....
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे 
            Shayaripub.com 

Good morning, beta

वो दूर जाता है तो घबरा जाती हूँ
जाने कैसे कैसे दिल को समझाती हूँ
फोन करती हूँ बार बार...
वो तंग हो जाता है!
खुश हूँ कहता है ,आंसू भी छुपाता है
खाना खा लेता हूँ भरोसा दिलाता है
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता 
          Shayaripub.com 

beta,my son

मुझे कुछ न कुछ सुनाता है
अपनी बात जिद से मनवाता है
कभी गलत को सही
सही को गलत ठहराता है
मेरा दिमाग गर्म करके ही
गर्म गर्म खाना खाता है
गलत कोई भी हो
वो मुझ पर ही चिल्लाता है
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता है
मुझे मेरे होने का अहसास दिलाता है

कमरे को प्लेटफार्म (रेल) बना देता है
किताबों जुराबों की मण्डी सजा सजा देता है
English गाने सुनते सुनते गर्दन बहुत हिलाता है
जाने फिरंगी शब्दो को कितना समझ पाता है
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता है 
                    Shayaripub.com 

my son, बेटा

मुझे कुछ न कुछ सुनाता है
अपनी बात जिद से मनवाता है
कभी गलत को सही
सही को गलत ठहराता है
मेरा दिमाग गर्म करके ही
गर्म गर्म खाना खाता है
गलत कोई भी हो
वो मुझ पर ही चिल्लाता है
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता है
मुझे मेरे होने का अहसास दिलाता है
कमरे को प्लेटफार्म (रेल) बना देता है
किताबों जुराबों की मण्डी सजा सजा देता है
English गाने सुनते सुनते गर्दन बहुत हिलाता है
जाने फिरंगी शब्दो को कितना समझ पाता है
वो जो मुझे माँ कह के बुलाता है 

                          Shayaripub.com 

good morning

दर्द एक संकेत है कि
आप जिंदा हो
समस्या एक संकेत है कि 
आप मजबूत हो
दोस्त और परिवार एक संकेत है कि
आप अकेले नहीं हो

शक्कर को चाहे अंधेरे में खाएं या उजाले में, मुँह मीठा ही होता है।

उसी प्रकार अच्छे कर्मों को  हम अनजाने में भी करें, तो भी उसका फल मीठा ही होताहै। 
       

good morning, सुप्रभात

आज बुरा है! तो डर मत,
कल अच्छा आयेगा...
वक़्त ही तो है, रुक थोड़ी जायेगा..!!

दर्द एक संकेत है कि
आप जिंदा हो
समस्या एक संकेत है कि 
आप मजबूत हो
दोस्त और परिवार एक संकेत है कि
आप अकेले नहीं हो
          Shayaripub.com 

Goodmorning

सुखी होने में ज्यादा खर्च नहीं होता,लेकिन हम कितने सुखी हैं, ये लोगों को  दिखाने में बहुत खर्च होता है।।
मेरी कथा का एक हेतु है ....आपका चित्त प्रसन्न हो.... 

मैं मोक्ष बांटने नहीं निकला हूँ ... मैं प्रसन्नता बांटने के लिए निकला हूँ ....आप प्रसन्न रहो ....क्यों इतने सीरियस हो ?....

मैं जगत की इतनी बदनामियाँ मेरे सिर का मुकुट बना कर बैठा हूँ ....फिर भी उसी मार्ग पर चल रहा हूँ ..... कभी ये गांव ...कभी ये गांव ....कभी ये गांव....
मतलब क्या ?....आपकी चैत्सिक प्रसन्नता.... क्योंकि आदि शंकर ने हमें बताया प्रसन्न चित्ते परमात्म दर्शन..... भगवान का दर्शन करना है तो तुम्हारा चित्त प्रसन्न हो.....
बापू
मानस रामरक्षा 
जय सियाराम

have a great time,shayari

शेरो-शायरी तो महज...
दिल बहलाने का ज़रिया है साहब !
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से.. 
गुजरे हुए पल नहीं लौटा करते !!
                Dev
      Shayaripub.com 
कौन कहता है कि कुछ नहीं 
तेरे मेरे दरमियाँ...

वो एहसासों का हुजूम,
वो जज़्बातों का सैलाब,,

वो अनकही बातें,
वो अनछुए अरमाँ,,

बिखरी सी ख़्वाहिशें,
फैले से ख़्वाब,,

वो सुकूँ के बिछे गलीचे,
वो ख़यालातों के बगीचे,,

वो महकती हुई साँसें,
उम्मीदों की मुस्कान,,

कौन कहता है कि कुछ नहीं 
तेरे मेरे दरमियाँ...
      Shayaripub.com 

Good morning

ज़िंदगी में जब आएं खुशियां तो खाना तुम मिठाई की तरह...
.मुमकिन है गम भी आएंगे 
      तो उन्हें भी  स्वीकार लेना दवाई की तरह ।।                                                             🌹shayaripub.com 🌹


Goodmorning

तुम्हारा  एक प्रणाम🙏🏼 बदल देता है सब परिणाम ।।          Shayaripub.in