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सुप्रभात# अनमोल# बचन#

रात्रि दिवस का पहिया चलता 
जीवन पल पल रंग बदलता ।।

अपने कर्म सुधारें हर पल ।
बेहतर कर लें आने वाला कल।
 वृक्ष मेहनत से वही लगाना
 जिसके मिले तुम्हें मीठे फल।
 जग में वह प्रकाश बनों... जैसे प्राची में सूर्य निकलता
 
प्रकृति सरलता हमें सिखाती।
 प्रेम से अपने पास बिठाती ।
देकर सुख दुख भरी यह बगिया 
       नए-नए हमें पाठ पढ़ाती
 तुझे बांटनी जग में खुशबू बनना है गुलाब महकता
                    अचलाएसगुलेरिया
                      Shayaripub.in


 

emotional shayari#love#

💐कुछ कहना है चुपके से तुम्हें ! फिर इश्क दोबारा कर लें क्या?
💐तेरे गालों के उस डिम्पल का,हम फिर से नजारा कर लें क्या
💐तेरे हंसने से जो मारे हमें ..तेरे चेहरे के उस बवंडर का
💐अपनी गजलों के होंठों से फिर जिक्र तुम्हारा कर दें क्या
                  💐Shayaripub.com💐 

emotional shayari

नज़र वही जो क़त्ल...
   को पूरा अंजाम दे...
Shayaripub.com 
      और चाहत वही है जो...
           भरी महफ़िल में सलाम दे..

emotional shayari मेरी रचना# poem# love#

⚘दशकों पहले ऐसे ही होते थे राजा रानी⚘

आज मन है लिखें वो अनकही कहानी
जिसमें एक था ख्वाबों का राजा एक थी सपनों की रानी
आज मन है लिखें वह अनकही कहानी.....l

देखना उसे ,सोचना उसे और अकेले मुस्कुराना
कभी कर दे वो इजहार तो चुपके से मुकर जाना
उंगली दबा के दाँतों में आंखें उससे चुरानी
आज मन है लिखें वो अनकही कहानी

सहेलियों से सुनाना किस्से अपने प्यार के
अपने इंकार के उसके इजहार के
तब एक जैसी होती थी सभी की जवानी
आज मन है लिखें वो अनकही कहानी

विश्वास भी भरोसा भी इश्क भी उसी से
छुपा के रखते थे तस्वीर उसकी, हर किसी से
उसके ख्वाबों की सैरगाह  में थी जिंदगी  सुहानी
आज मन है लिखें वो अनकही कहानी

शाम ढलते ही उसका सर्द सड़क पर टहलना
मेरा पीछे पीछे चल के उसकी परछाइयां पकड़ना
उसका खामोशी  मेरी पढ़ना, और कहना मुझे दीवानी
आज मन है लिखें वो अनकही कहानी

बहुत याद भी करें तो अब याद नहीं हमें
किस मोड़ पर मुड़े हम ...और छोड़ गए तुम्हें
अभी  तक दिल के कोने में सुलगती हैं वह यादें पुरानी
आज मन है लिखें वो अनकही कहानी

⚘⚘दशकों पहले ऐसे ही होते थे राजा रानी⚘⚘
                   Shayaripub.com 


gajal#emotional#shayari#shayaripub.com#

उसकी  यादों  को भुलाते हुए डर  लगता है
इन  चिराग़ों  को  बुझाते   हुए  डर लगता है..
⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘
मैं मरूँगा तो नहीं तुम से बिछड़ कर लेकिन
ज़हर  कैसा  भी हो  खाते  हुए डर लगता है.. 
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बात  सपनों    भी  रहती थी  जारी जिससे
अब    फ़ोन  लगाते   हुए  डर  लगता है..
💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚
उसने  जिस शर्ट  में सीने से लगाया था मुझे
मुझको  वो  शर्ट  धुलाते  हुए  डर  लगता  है 
💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
तुमने जिस नोट पे चाहत से लिखा था 'मेरा नाम 
मुझको  वो  नोट  चलाते  हुए  डर  लगता  है 
⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘
दिल की शाखों  से  मुहब्बत  के  परिंदे ''राज''
अपने   हाथों   से  उड़ाते   हुए  डर   लगता  है
               #Shayaripub.com# 

love# emotional shayar#i

मोहब्बत सिर्फ़ दो जिस्मों की दास्तां नहीं साहब......

ये एक रुह पर एक रुह के फ़ना होने की कहानी है....shayaripub.com 

#जय# सीयाराम#

⚘नाह नेहु नित बढ़त बिलोकी।⚘ 
⚘हरषित रहति दिवस जिमि कोकी॥⚘
⚘सिय मनु राम चरन अनुरागा। ⚘
⚘अवध सहस सम बनु प्रिय लागा॥ ⚘

अर्थ:-स्वामी का प्रेम अपने प्रति नित्य बढ़ता हुआ देखकर सीताजी ऐसी हर्षित रहती हैं, जैसे दिन में चकवी! सीताजी का मन श्री रामचन्द्रजी के चरणों में अनुरक्त है, इससे उनको वन हजारों अवध के समान प्रिय लगता है॥ 

                     श्री रामचरित मानस 
                      अयोध्याकांड (१३८) 
                      Shayaripub.com 


emotional shayari



राज जी के अल्फाज़ 
बात आपसे क्या हुई, बीमार को दवा मिल गई।
शुष्क बेजान सांसों को, ताजा हवा मिल गई।

कबसे खड़ी थी आहें, पलकें बिछाए राहों पर
महज़ आहट ही से आपकी, रातें जवां मिल गई।

खिल गया गुलाब कोई, लब-ए-रुख़्सार पर मेरे
ठहरी सी जि़ंदगानी को, रौनके फि़जा़ मिल  गई।

आपकी  याद का मौसम, अब मुझ पर छा गया
इस बीमार-ए-दिल को, फिर से दवा मिल गई।

एक दस्तक रह गयी दरमियां, बस मेरे और तुम्हारे
शेष बस इतना जुनून-ए-इश्क़ को सज़ा मिल गई।

हरे कृष्ण

आपकी तारीफ  कर सकूं, 
मेरे शब्दों में इतना ज़ोर नहीं

बस इतना कहता हूं स्वामी 
कि तुम जैसा कोई और नहीं.।।
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emotional shayari

                    ⚘मुझे फुर्सत ही कहाँ कि
                            मौसम सुहाना देखूँ,⚘
                            
                           ⚘तेरी यादों से निकलूँ
                              तभी तो जमाना देखूँ।⚘
                                 Shayaripub.com 

emotional shayari

⚘मुझे फुर्सत ही कहाँ कि
मौसम सुहाना देखूँ,⚘
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⚘तेरी यादों से निकलूँ
तभी तो जमाना देखूँ।⚘
                           Shayaripub.com 

jai siyaram

छिनु छिनु लखि सिय राम पद जानि आपु पर नेहु।
करत न सपनेहुँ लखनु चितु बंधु मातु पितु गेहु॥ 

अर्थ:-क्षण-क्षण पर श्री सीता-रामजी के चरणों को देखकर और अपने ऊपर उनका स्नेह जानकर लक्ष्मणजी स्वप्न में भी भाइयों, माता-पिता और घर की याद नहीं करते॥ 

                           श्री रामचरित मानस 
                           अयोध्याकांड (१३८) 


emotional# shayari#जीवन,,मुश्किल डगर

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🌷chhod samar samaras ho jaana ye kitana hee mushkil hai 🌷 apane bheetar khud ko paana ye kitana hee mushkil hai 🌷 baaten kabhee khuda kee karana kabhee raam par aa jaana dharm ka theka le kar ke katle aam macha dena par banana insaan yahaan par ye kitana hee mushkil hai 🌹 rishte roj banaate log rishton ka khoon vahaate log matalab ko talave chaat rahe majaboor ko yahaan dabaate log sabako prem se gale lagaana ye kitana hee mushkil hai 🌹 prem kee ab paribhaasha badalee jajbaaton kee bhaasha badalee niraasha mein ab aasha badalee vaasana ko upaasana banaana ye kitana hee mushkil hai🌹 ekaagrata tik nahin paatee chanchalata sarapat daudaatee kalpana kahaan kahaan le jaatee achala se achal ho jaana ye kitana hee mushkil hai 🌹 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 
                  achla s guleria
                  Hindi shayari dil se 

Goodmorning

तुम्हारा  एक प्रणाम🙏🏼 बदल देता है सब परिणाम ।।          Shayaripub.in