Shayari means "poetry" in english. But even after being synonymous to each other , both represent a very different depth to expression of the writer. Shayari is magical as it can mean different for every set of eyes that taste it through the sense of sight. It has no topic or a targeted demographic. It is made for everyone and everything. Though the great works in Shayari cannot be replicated but yes a new content based on our modern society can be created. The timelessness of shayari awaits.
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Good morning #सुप्रभात#
🌹हर नजर में मुमकिन
नहीं है, बेगुनाह रहना,🌹
🌹वादा ये करें की खुद
की नजर में बेदाग रहें।🌹
हिन्दी शायरी दिल से
emotional shayari# good morning#gajal#meri rachna#
इस वीरान गुलशन में महक़ अब भी तुम्हारी है
चाहत का मकां अपना,हुआ तब्दील खंडहर में
मगर उजड़े दरीचों पे झलक़ अब भी तुम्हारी है
बताओ टूटे दिल वालों के, दुखड़े कौन सुनता है
झरोखे आज भी सूने कसक अब भी तुम्हारी है
तेरे गुलाबी पैरों की वो,छाप है घर के गलीचों पे
सूने घर के आंगन को ललक अब भी तुम्हारी है
शहर है मारता तानें,हैं गलियां फब्तियां कसता
ख़नकती कानों में मेरे चहक़ अब भी तुम्हारी है
बगीचा तो उसी दिन ही उजड़ मेरा गया था पर
इस "वीरान" गुलशन में महक़ अब भी तुम्हारी है
Good morning
Good morning
*"संबंधों" की "मधुरता" के लिए..,*
*"सम्बोधन" की "मधुरता" "अनिवार्य" है..!*
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हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।
In english
🌹Har rishte ki madurata (sweetness) ke liye
Good morning #सुप्रभात#
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो।
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जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
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यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
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न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।।
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emotional shayari
हर लम्हे से खूबसूरत है
तुम्हारी उदास आँखों का मुस्कराना
मेरे अंदर कुछ टूटता है बिखर जाता है हर दिन
मैं अनसुना करती हूं उस आवाज को हर दिन
वह टूटन असहज करती है मुझे मगर उसको लादे पीठ पर थक जाती हूं रुक जाती हूं फिर आगे की तरफ चल देती हूं हर दिन
आंसू बरबस आते हैं अपने हालात पर उन्हें हाथ में पकड़ कर मसलती हूं कुछ सोचती हूं फिर स्याही बना उड़ेल देती कागज पर हर दिन
बदल रहे दिन लोग शहर के शहर यह कौन बदल रहा ..और क्यूँ? बदलाव अच्छा भी हो तो खा जाता है उसको जो पुराना था पर अपना था यह मैं तन्हाई में सोचती हूं हर दिन
चेहरे पर लकीरें अनुभव की गहरी खाइयों की तरह घसीट रही हैं उन विचारों के भंवर में जहां डरते हैं अपनों से बिछड़ जाने से हर दिन
कोई पहले कोई बाद में जाने लगे हैं घर से चुपचाप उठकर किसी नए सितारों के शहर में बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है फिर सोचती हूं मैं भी तो जाऊंगी ऐसे ही चुपचाप उठ कर एक दिन
मैं अनसुना करती हूं उस आवाज को हर दिन
वह टूटन असहज करती है मुझे मगर उसको लादे पीठ पर थक जाती हूं रुक जाती हूं फिर आगे की तरफ चल देती हूं हर दिन
आंसू बरबस आते हैं अपने हालात पर उन्हें हाथ में पकड़ कर मसलती हूं कुछ सोचती हूं फिर स्याही बना उड़ेल देती कागज पर हर दिन
बदल रहे दिन लोग शहर के शहर यह कौन बदल रहा ..और क्यूँ? बदलाव अच्छा भी हो तो खा जाता है उसको जो पुराना था पर अपना था यह मैं तन्हाई में सोचती हूं हर दिन
चेहरे पर लकीरें अनुभव की गहरी खाइयों की तरह घसीट रही हैं उन विचारों के भंवर में जहां डरते हैं अपनों से बिछड़ जाने से हर दिन
कोई पहले कोई बाद में जाने लगे हैं घर से चुपचाप उठकर किसी नए सितारों के शहर में बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है फिर सोचती हूं मैं भी तो जाऊंगी ऐसे ही चुपचाप उठ कर एक दिन
मन# emotional shayari#कविता#hindi kavita#
🌹 मेरे अंदर कुछ टूटता है बिखर जाता है हर दिन🌹
🌹मैं अनसुना करती हूं उस आवाज को हर दिन🌹
🌹वह टूटन असहज करती है मुझे मगर उसको लादे पीठ पर थक जाती हूं रुक जाती हूं फिर आगे की तरफ चल देती हूं हर दिन✍
🌹आंसू बरबस आते हैं अपने हालात पर उन्हें हाथ में पकड़ कर मसलती हूं कुछ सोचती हूं फिर स्याही बना उड़ेल देती कागज पर हर दिन✍
🌹बदल रहे दिन लोग शहर के शहर यह कौन बदल रहा ..और क्यूँ? बदलाव अच्छा भी हो तो खा जाता है उसको जो पुराना था पर अपना था यह मैं तन्हाई में सोचती हूं हर दिन✍
🌹चेहरे पर लकीरें अनुभव की गहरी खाइयों की तरह घसीट रही हैं उन विचारों के भंवर में जहां डरते हैं अपनों से बिछड़ जाने से हर दिन✍
🌹कोई पहले कोई बाद में जाने लगे हैं घर से चुपचाप उठकर किसी नए सितारों के शहर में बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है फिर सोचती हूं मैं भी तो जाऊंगी ऐसे ही चुपचाप उठ कर एक दिन✍ अचला एस गुलेरिया
🌹मैं अनसुना करती हूं उस आवाज को हर दिन🌹
🌹वह टूटन असहज करती है मुझे मगर उसको लादे पीठ पर थक जाती हूं रुक जाती हूं फिर आगे की तरफ चल देती हूं हर दिन✍
🌹आंसू बरबस आते हैं अपने हालात पर उन्हें हाथ में पकड़ कर मसलती हूं कुछ सोचती हूं फिर स्याही बना उड़ेल देती कागज पर हर दिन✍
🌹बदल रहे दिन लोग शहर के शहर यह कौन बदल रहा ..और क्यूँ? बदलाव अच्छा भी हो तो खा जाता है उसको जो पुराना था पर अपना था यह मैं तन्हाई में सोचती हूं हर दिन✍
🌹चेहरे पर लकीरें अनुभव की गहरी खाइयों की तरह घसीट रही हैं उन विचारों के भंवर में जहां डरते हैं अपनों से बिछड़ जाने से हर दिन✍
🌹कोई पहले कोई बाद में जाने लगे हैं घर से चुपचाप उठकर किसी नए सितारों के शहर में बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है फिर सोचती हूं मैं भी तो जाऊंगी ऐसे ही चुपचाप उठ कर एक दिन✍ अचला एस गुलेरिया
shayaripub.com# shayari# love# shayari
बहुत से लोग मिलने आते हैं
मुझसे बातें करना चाहते हैं ।
मुझसे ......
वो नही जानते!
कि मैं तो तुम्हारे पास हूँ। खैर
ये तो तुम भी नही जानते
कि मैं तुम्हारे पास हूँ ….❤️
Kash ye mohabbat bhi
Talk si hoti
Tere hain #tere hain#tere hain#
Keh ker tere ho jate
#काश# ये मोहब्बत भी
तलाक़ सी होती#♥️
तेरे हैं.#.तेरे हैं..तेरे है♥️
कहकर तेरे हो जाते..!!
Hindi shayari dil se
love#emotional #shayari# #Good night#
आओ इक मयकदा बनाए हम:
शेख वाइज़ को भी पिलाएं हम।
ज़िन्दगी खुद में इक इबादत है;
राज़ की बात ये बताएं हम।
घर के बाहर बहुत अंधेरा है;
आओं भीतर शमा जलाएं हम।
आशिकी बेखुदी नहीं यारो;
प्यार को बन्दगी बनाएं हम।
इश्क में रोने का है क्या मतलब?
आओ हंसकर पिएं - पिलाएं हम।
मेरे मुर्शिद ने इल्म ऐसा दिया
आदमी से खुदा हो जाएं हम।।1
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एक रात वो मिले ख्वाब में ,
हमने पूछा क्यों ठुकराया आपने..
जब देखा तो उनके आँखों में भी आँसू थे
, फिर कैसे पूछते क्यों रुलाया आपने..!!
Ek ratio milekhav mein
Hmne poochha kyun thukraya apne
Jab dekha touching ankhon mein ansu the
Fir kaise poochhte kyun rulaya apne
hare krishna#सुप्रभात#
एकमात्र ईश्वर ही है, जो क्षमा मांगने पर यह नहीं पूछता कि गलती क्यों की थी....।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।जय श्री राधेश्याम। ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
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दुर्भाग्य कभी हाथ धोकर पीछे पड़ जाये सभी ओर असफलता ही असफलता और अंधकार ही अंधकार लग रहा हो तब आप महापुरुषों के *ग्रंथ* पढ़ना विचारों का सत्संग आपके जीवन में फिर से प्रकाश लाएगा। दुर्भाग्य को *सौभाग्य* में बदलने की शक्ति उत्तम ज्ञान में सन्निहित है.!!
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कृष्ण मंदिर जाएं तो जरूर ध्यान रखें
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जब भी कृष्ण भगवान के मंदिर जाएं तो यह जरुर ध्यान रखें कि कृष्ण जी कि मूर्ति की पीठ के दर्शन ना करें। दरअसल पीठ के दर्शन न करने के संबंध में
भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की
एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण जरासंध से युद्ध कर रहे थे तब जरासंध का एक साथी असूर कालयवन भी भगवान से युद्ध करने आ
पहुंचा। कालयवन श्रीकृष्ण के सामने पहुंचकर ललकारने लगा।
तब श्रीकृष्ण वहां से भाग निकले। इस तरह रणभूमि से भागने के कारण ही उनका नाम रणछोड़ पड़ा। जब श्रीकृष्ण भाग रहे थे तब कालयवन भी उनके पीछे-पीछे भागने लगा। इस तरह भगवान
रणभूमि से भागे क्योंकि कालयवन के पिछले जन्मों के पुण्य बहुत अधिक थे और कृष्ण किसी को भी तब तक सजा
नहीं देते जब कि पुण्य का बल शेष रहता है। कालयवन कृष्णा की पीठ देखते हुए भागने लगा और इसी तरह उसका अधर्म
बढऩे लगा क्योंकि भगवान की पीठ पर अधर्म का वास होता है और उसके दर्शन करने से अधर्म बढ़ता है। जब कालयवन के पुण्य का प्रभाव खत्म हो गया कृष्ण
एक गुफा में चले गए। जहां मुचुकुंद नामक राजा निद्रासन में था। मुचुकुंद को देवराज इंद्र का वरदान था कि जो भी व्यक्ति राजा को निंद से जगाएगा और राजा की नजर पढ़ते ही वह भस्म हो जाएगा। कालयवन ने मुचुकुंद को कृष्ण समझकर उठा दिया और राजा की नजर पढ़ते ही राक्षस वहीं भस्म हो गया।
अत: भगवान श्री हरि की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि इससे हमारे पुण्य कर्म का प्रभाव कम होता है और अधर्म बढ़ता है। कृष्णजी के हमेशा ही मुख की ओर से ही दर्शन करें।
#emotional shayari#
Uljhana mat uljhane se sirf jaan jayegi
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Mohabbat se mnana mohabbat man jayegi
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love#poetry# emotional shayari#hi#
इक बार ही जी भर के सज़ा क्यूँ नहीं देते
गर हर्फ़-ए-ग़लत हूँ तो मिटा क्यूँ नहीं देते
ऐसे ही अगर मूनिस-ओ-ग़म-ख़्वार हो मेरे
यारो मुझे मरने की दुआ क्यूँ नहीं देते
अब शिद्दत-ए-ग़म से मिरा दम घुटने लगा है
तुम रेशमी ज़ुल्फ़ों की हवा क्यूँ नहीं देते
फ़र्दा के धुँदलकों में मुझे ढूँडने वालो
माज़ी के दरीचों से सदा क्यूँ नहीं देते
मोती हूँ तो फिर सोज़न-ए-मिज़्गाँ से पिरो लो
आँसू हो तो दामन पे गिरा क्यूँ नहीं देते
साया हूँ तो फिर साथ न रखने का सबब क्या
पत्थर हूँ तो रास्ते से हटा क्यूँ नहीं देते
Kal na hum honge na koi gila hoga
Sirf yadon ka silsila hoga
Jo lamhe hain chalo hans ker bita lo
Jane kal jindagi ka kya faisla hoga
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emotional shayari ,good night
तेरे साथ ....
तेरे साथ गुज़रा हर लम्हा ,एल्बम की तस्वीर हो गया
ख़ूबसूरत था बहुत पर अब यादों की जागीर हो गया
तू लौट गया जब मुझे राहों में तन्हा छोड़कर
मन मेरा कोई यायावर , कोई राहगीर हो गया
ना तेरे जाने का ग़म...ना लौट आने की है आरज़ू
emotional shayari
राज जी की कलम से
🌹🌹तेरे साथ 🌹🌹
🔥तेरे साथ गुज़रा हर लम्हा ,एल्बम की तस्वीर हो गया 🔥
🔥ख़ूबसूरत था बहुत पर अब यादों की जागीर हो गया🔥
♥️तू लौट गया जब मुझे राहों में तन्हा छोड़कर♥️
♥️मन मेरा कोई यायावर , कोई राहगीर हो गया♥️
🔥ना तेरे जाने का ग़म...ना लौट आने की है आरज़ू 🔥
🔥ऐसे ये मन मलंग मेरा...जैसे कोई फ़क़ीर हो गया !!🔥
emotional shayari
कैसे बताऊं मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊं
कैसे बताऊं मैं तुम्हे तुम धड़कनों का गीत हो
जीवन का तुम संगीत हो
तुम ज़िन्दगी, तुम बन्दगी, तुम रौशनी, तुम ताज़गी
तुम हर खुशी, तुम प्यार हो, तुम प्रीत हो, मनमीत हो
आँखों में तुम, यादों में तुम
साँसों में तुम, आहों में तुम
नींदों में तुम, ख़्वाबों में तुम
तुम हो मेरी हर बात में, तुम हो मेरे दिन रात में
तुम सुबह में, तुम श्याम में, तुम सोच में, तुम काम में
मेरे लिए पाना भी तुम, मेरे लिए खोना भी तुम
मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम
और जागना सोना भी तुम
जाऊं कहीं, देखूं कहीं, तुम हो वहाँ, तुम हो वहीँ
कैसे बताऊं मैं तुम्हे, तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं
कैसे बताऊं मैं तुम्हे, मेरे लिए तुम कौन हो
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वो गाड़ी रोक दे मेरे घर के सामने
फिर हम बुलाए बिना कैसे रहते ।
आंखों आंखों में पूछ लिया हाल उसने
फिर हम बताएं बिना कैसे रहते
4:00 बजे थे महीना दिसंबर था हम उनको
चाय पर बुलाए बिना कैसे रहते
#romantic shayari# #शायरी#
दिदार न सही पर कुछ पल के लिए,,,
मैंने उन हवाओं को महसूस किया..
जिन फिजाओं मे तुम सांस लेती हो..
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महज़ एक बूंद का सैलाब हो जाना,
इश्क़ की कशिश है बेहिसाब हो जाना...
emotional shayari
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कभी गुलाब तो कभी खार होगी
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कभीजीत तो कभी हार होगी...!!
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समय की सड़क है साहब ...
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धीरे धीरे ही पार होगी..!!
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🌷🌷इक लम्हा भी मुहब्बत का नसीब ना हुआ कभी 🌷🌷 🌷🌷और तुम कहते हो कि दिल के बहुत अमीर हैं हम !🌷🌷
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बड़ी नादानी से पूछा उसने क्या अच्छा लगता है ? हमने भी धीरे से कह दिया एक झलक तुम्हारी achlguleria.blogspot.com