कैसे बताऊं मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊं
कैसे बताऊं मैं तुम्हे तुम धड़कनों का गीत हो
जीवन का तुम संगीत हो
तुम ज़िन्दगी, तुम बन्दगी, तुम रौशनी, तुम ताज़गी
तुम हर खुशी, तुम प्यार हो, तुम प्रीत हो, मनमीत हो
आँखों में तुम, यादों में तुम
साँसों में तुम, आहों में तुम
नींदों में तुम, ख़्वाबों में तुम
तुम हो मेरी हर बात में, तुम हो मेरे दिन रात में
तुम सुबह में, तुम श्याम में, तुम सोच में, तुम काम में
मेरे लिए पाना भी तुम, मेरे लिए खोना भी तुम
मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम
और जागना सोना भी तुम
जाऊं कहीं, देखूं कहीं, तुम हो वहाँ, तुम हो वहीँ
कैसे बताऊं मैं तुम्हे, तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं
कैसे बताऊं मैं तुम्हे, मेरे लिए तुम कौन हो
🌹🌹Shayaripub.com 🌹🌹
वो गाड़ी रोक दे मेरे घर के सामने
फिर हम बुलाए बिना कैसे रहते ।
आंखों आंखों में पूछ लिया हाल उसने
फिर हम बताएं बिना कैसे रहते
4:00 बजे थे महीना दिसंबर था हम उनको
चाय पर बुलाए बिना कैसे रहते
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें