सुनो प्रिये.....
सूर्य उदय होगा हजारों जीवन अस्त करेगा
मैं लड़ा अपने धर्म पर टिका रहा..
कौन मेरे बाद मेरा सत्य स्थापित करेगा ✍
कौन कहेगा पित्र भक्त ...
कौन मानेगा हुआ ...कर्तव्य पथ पर निसार
धिक्कार जीवन !!
धर्म था राष्ट्रहित कहाँ समझेगा संसार।।✍
इंद्रजीत! इंद्रजीत !इंद्रजीत!
अधर्म नहीं धर्म से हारा ...
असत्य नहीं सत्य ने मारा....
पिता ,कुल ,देश ,सर्वोपरि
इच्छायें शून्य रही सदा
युद्ध क्षेत्र रहा आवास
आनंद उन्माद यदा-कदा।।✍
खड़ा रहा चट्टान सा .......
.करता मातृभूमि पर.. अर्पित सर्वस्व
कुल द्रोही , देशद्रोही बने ,
बचाता रहा राष्ट्र वर्चस्व...✍
प्रिये....... (पत्नी सुलोचना के प्रति मेघनाद के उदगार)
प्रेमभाव रखता हृदय ..
चाहता ....समर्पित आलिंगन
तुम्हारा सौंदर्य ....
देता आमंत्रण ...
उन्मुक्त मन चाहता स्नेहबंधन✍
तुम सोंदर्य प्रेम का रुप
मेरी ह्रदय गति,
सम्बन्ध तुमसे अटूट
सहचरी सदैव मेरे जीवन मरण की
समझती मेरे .....दायित्व
छिपा लेती
भावना मन की✍
सुनो ......
चलो रजनी रथ पर हो सवार
पल में युग जिएं
करें उन्मुक्त. .विहार
कल में नहीं जीवन पल में छुपा है
मरण निश्चित है.....
प्रिया मिलन को रुका है।।✍
आ रही बिरह की अंधेरी रात
ना होगी फिर बात ,
ना होगा अपना साथ ....
मातृभूमि पर यह योद्धा
अपना ..प्रेम अर्पित करेगा ।।✍
मैं लड़ा ....धर्म पर टिका रहा
कौन मेरे बाद
मेरा सत्य स्थापित करेगा
प्रकांड पंडित पिता के अभिमान का आधार ।
माता की लोरी में मिले,
समर्पण के संस्कार ।।
असत्य अहित अधर्म
किया नहीं प्रतिकार।।✍
अमर प्रेम समर्पण तुम्हारा
साथ लिए मां का दुलार ।
मिलने चला हूं मुक्ति से
आई लेकर जो राम अवतार।।✍
योद्धा हूँ ... नियति युद्ध है
युद्ध क्षेत्र में फूल नहीं
यह योद्धा शीश समर्पित करेगा ।।✍
मैं लड़ा .....अपने कर्तव्य पर अड़ा रहा
कौन मेरे बाद मेरा सत्य स्थापित करेगा
अचलाएस गुलेरिया
Shayari means "poetry" in english. But even after being synonymous to each other , both represent a very different depth to expression of the writer. Shayari is magical as it can mean different for every set of eyes that taste it through the sense of sight. It has no topic or a targeted demographic. It is made for everyone and everything. Though the great works in Shayari cannot be replicated but yes a new content based on our modern society can be created. The timelessness of shayari awaits.
हिन्दी कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
हिन्दी कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
कविता...... हमारा धौलाथार
प्यारा धौलाधार न्यारा धौलाधार
हमारा धौलाधार
चित्र भी विचित्र,चित्रकार भी बड़ा है ।
उन्नत शिखर किये,सदियों से खड़ा है ।
हर ऋतु है लाये, तेरे यौवन में निखार
प्यारा धौलाधार..✍
बर्फ तेरा मुकुट बन,श्रृंगार है करे ।
तेरे उकेरे चित्र में, रँग है भरे ।
शिवालिक तेरा दीवाना,तुझे रहा निहार..
प्यारा धौलाधार.✍
जब भी दूर जायें ,तू देखता है . दूर तक ।
हम भी तुझको देखते हैं,बार बार ..पलट पलट ।
पिता का दे आभास,तू यूँ रहा निहार..
प्यारा धौलाधार..✍
आऊँ जब मैं दूर से ,उदास सा थका थका ।
दूर से दिखे खड़ा, बुलाता अपने पास सा ।
जैसे कोई बड़ा,लेने आये द्वार..
प्यारा धौलाधार...✍
निसर्ग की कल्पना,साकार है तू ।
बसुन्धरा का रजत,कंठ हार है तू ।
हरी भरी ये घाटियाँ,करें तेरा श्रृंगार..
प्यारा धौलाधार.. ✍
अचला एस गुलेरिया
हमारा धौलाधार
चित्र भी विचित्र,चित्रकार भी बड़ा है ।
उन्नत शिखर किये,सदियों से खड़ा है ।
हर ऋतु है लाये, तेरे यौवन में निखार
प्यारा धौलाधार..✍
बर्फ तेरा मुकुट बन,श्रृंगार है करे ।
तेरे उकेरे चित्र में, रँग है भरे ।
शिवालिक तेरा दीवाना,तुझे रहा निहार..
प्यारा धौलाधार.✍
जब भी दूर जायें ,तू देखता है . दूर तक ।
हम भी तुझको देखते हैं,बार बार ..पलट पलट ।
पिता का दे आभास,तू यूँ रहा निहार..
प्यारा धौलाधार..✍
आऊँ जब मैं दूर से ,उदास सा थका थका ।
दूर से दिखे खड़ा, बुलाता अपने पास सा ।
जैसे कोई बड़ा,लेने आये द्वार..
प्यारा धौलाधार...✍
निसर्ग की कल्पना,साकार है तू ।
बसुन्धरा का रजत,कंठ हार है तू ।
हरी भरी ये घाटियाँ,करें तेरा श्रृंगार..
प्यारा धौलाधार.. ✍
अचला एस गुलेरिया
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
-
🌷🌷इक लम्हा भी मुहब्बत का नसीब ना हुआ कभी 🌷🌷 🌷🌷और तुम कहते हो कि दिल के बहुत अमीर हैं हम !🌷🌷
-
बड़ी नादानी से पूछा उसने क्या अच्छा लगता है ? हमने भी धीरे से कह दिया एक झलक तुम्हारी achlguleria.blogspot.com