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carona

🔥इस रचना को लिखना  समय की आवश्यकता लगा🔥
                           ✍करोना से डरो✍

समय की आवश्यकता है ..बदलाव अत्यंत अनिवार्य है
 मास्क सैनिटाइजर विहीन हर व्यक्ति अस्वीकार्य है 
दूरी सबसे बना कर चलना सर्वश्रेष्ठ कार्य है।।

 उठो अपने समाज को पहल करके जगाओ
 अत्यंत सामाजिक तत्वों को सोशल डिस्टेंसिंग सिखाओ
 ना तो स्वयं करो कोई उत्सव ना ही भीड़ में जाओ।।

 विवाह समारोह उत्सव  सब खतरनाक असुरक्षित है 
परिवार हित में त्यागो इनको तभी बुजुर्ग सुरक्षित हैं
संवेदनशील हर व्यक्ति जहां है  मात्र सदन  वो रक्षित है ।।

धन दौलत रुतबा सब शादी में दिखाना क्यों ?
तोहफ़े लाए लोगों को मौत ही मौत लौटाना क्यों?
 भयावह स्थिति में देश है खुशियों के कार्ड छपवाना क्यों?

 देश समाज करोना से लड़ रहा 
मौत का आंकड़ा पल-पल बढ़ रहा 
सदमे में डूबे परिवार की  कौन यहां परवाह कर रहा।।

 हमें स्वयं ही स्वयं को बचाना चाहिए 
देश हित में कदम यह उठाना चाहिए
 अति आवश्यक हो जहां जाना 
           सिर्फ वही जाना चाहिए।।
            सिर्फ बहन जाना चाहिए।।
                                            अचला एस गुलेरिया
                  Shayaripub.com 

....सीता..जगदंबा जगत जननी,hi di shayari dil se

वैदेही विदेह कुमारी परमेश्वरी जनक नंदिनी
मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा सी जीवनसंगिनी
धरती पर अवतरित हुआ वह त्याग रूप है नारी का
दूर किया अकाल राष्ट्र का ..जन-जन उसका आभारी था
विदेह के घर में कन्या वो ....वैदेही बन के आई ...
हल् के सीत से उत्पन्न हुई इसलिये वो सीता कहलाई
वसुधा की तनुजा बन कर.. वह मही का त्रास हरने आई
दुख असुर भय त्रास संकट से मां को मुक्त करने आई
धरती पर आकर.. धनुष तोड़.. रमापति सियापति बनके मर्यादा स्थापित करने को लीला पति लीला करते
बनवासी जब राम हुए.. सीता ने वन गमन किया
सीता के समर्पण को ...संपूर्ण निसर्ग ने नमन किया
अस्थि समूह देख ऋषियों के राम का हृदय चित्कार उठा
असुर विहीन पृथ्वी को करूंगा रघुवंशी यह पुकार उठा**********************************
कामी लोभी असुरों का कैसे अब संहार करें ????
कारण कोई विशेष बने राक्षस स्वयं ही वार करें
रावण भगिनी शूर्पनखा ने राम लखन को बाध्य किया
पथभ्रष्ट असुर नारी को रामानुज ने दंड दिया
सीता हरण किया रावण ने मृत्यु को घर ले आया
जगदंबा महालक्ष्मी को अशोक बाग में ठहराया
राम के लक्ष्य पूर्ति को सीता ने लंका में बास किया
धरा यह असुर विहीन हुई ..कारण बन .सिया ने साथ दिया
अवध नरेश की महारानी को आजीवन वनवास हुआ
राम का जीवन रिक्त देख कर राजमहल भी उदास हुआ
मर्यादा राम की साहब ...त्याग सिया का वंदनीय है
सीता का चरित्र जगत में अनुकरणीय है...पूजनीय है।।
                        अचला एस गुलेरिया


Goodmorning

तुम्हारा  एक प्रणाम🙏🏼 बदल देता है सब परिणाम ।।          Shayaripub.in