उम्र छोटी है तो क्या, ज़िन्दगी का हर मंजर देखा है,
फरेबी मुस्कृराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है।
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कुछ कहना है #चुपके# से तुम्हें ! फिर #इश्क# दोबारा कर लें क्या?
तेरे गालों के उस डिम्पल का,हम फिर से नजारा कर लें #क्या#
#तेरे# हंसने से जो मारे हमें ..तेरे चेहरे के उस बवंडर का
अपनी गजलों के होंठों से फिर जिक्र तुम्हारा कर दें क्या#