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चार बजे की चाय और तुम

हम दिल नहीं देंगे 
            तू भी जान मत देना
      पर कोशिश एक जरूर करेंगे 
  4:00 बजे की चाय साथ साथ पिएंगे🍵 

          घर एक होगा विचार अपने-अपने 
            एक दूसरे से जुदा तेरे मेरे सपने
             तेरे रंग में खुद को कभी नहीं रंगेंगे 
               बस
          4:00 बजे की चाय साथ साथ पिएंगे🍵

          जिम्मवारियों का टोकरा कोई नहीं उठाएगा 
                 थोड़ा थोड़ा काम सबके हिस्से जाएगा 
                  प्यार में बंधकर भी बंधन मुक्त जिएंगे
            पर 
                4:00 बजे की चाय साथ साथ पिएंगे 🍵 

                महज सांत्वना नहीं तेरी पीड़ा ही उठा लेंगे
                 प्रोत्साहन  कि तेरे लिए सीढ़ी बना देंगे
                      रास्ते के प्रथम राही तुम ही रहोगे 
                              स्तंभ से तेरे  पीछे खड़े रहेंगे
                        फिर 
                 4:00 बजे की चाय साथ साथ पिएंगे🍵 

              तू ना आए तो तेरे एहसास को बुला लेंगे 
                सामने वाली कुर्सी पर प्यार से बिठा देंगे
               अपना प्याला छोड़ आज तेरा उठा लेंगे
                        कुछ 
                       ऐसे चाय साथ साथ  पियेंगे
         
              सिर्फ एक बात कहनी है वादा नहीं करना है
                चल सकते हैं जब तक तेरे साथ चलना है
        अब निकल पड़े हैं तो मंज़िल पर रुकेंगे
वहां 
   4:00 बजे की चाय साथ साथ पिएंगे🍵🍵
               अचला एस गुलेरिया
                                Shayaripub.com 

।।मन तू निभा दे।।

ऐसे साथ निभा मन मेरे.. राम नाम गुण गाने दे
जीवन है अनमोल रे मनवा ...इस को सफल बनाने दे

हरि नाम में डूब जा मनवा शरणागत हो जा हरिका
उसके नाम की माला जप ले तोड़ दे हर बंधन जग का
सारे बंधन तोड़ के मुझको राम शरण में जाने दे ।।
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे

सुख दुख हो या हंसना रोना सब कुछ तेरी माया है
इसमें उलझ के मिट जाएगी यह जो कंचन काया है
उदासीन करके जग से मुझे चिदानंद तक जाने दे
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे

तू जो प्रेम करेगा हरि से हरि मुझे मिल जाएंगे
सब प्रपंच छोड़ जग के हम हरी नाम गुण गाएंगे
प्रभु से जन्म जन्म का रिश्ता निष्ठा से मुझे निभाने दे
ऐसे साथ निभा मन मेरे राम नाम गुण गाने दे....
जीवन है अनमोल रे मनवा इस को सफल बनाने दे 
                  Ashwani Kumar sharma 
                          Shayaripub.com 

 thank God my blog is start working again