gajal#emotional#shayari#shayaripub.com#

उसकी  यादों  को भुलाते हुए डर  लगता है
इन  चिराग़ों  को  बुझाते   हुए  डर लगता है..
⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘
मैं मरूँगा तो नहीं तुम से बिछड़ कर लेकिन
ज़हर  कैसा  भी हो  खाते  हुए डर लगता है.. 
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बात  सपनों    भी  रहती थी  जारी जिससे
अब    फ़ोन  लगाते   हुए  डर  लगता है..
💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚
उसने  जिस शर्ट  में सीने से लगाया था मुझे
मुझको  वो  शर्ट  धुलाते  हुए  डर  लगता  है 
💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
तुमने जिस नोट पे चाहत से लिखा था 'मेरा नाम 
मुझको  वो  नोट  चलाते  हुए  डर  लगता  है 
⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘
दिल की शाखों  से  मुहब्बत  के  परिंदे ''राज''
अपने   हाथों   से  उड़ाते   हुए  डर   लगता  है
               #Shayaripub.com# 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Goodmorning

तुम्हारा  एक प्रणाम🙏🏼 बदल देता है सब परिणाम ।।          Shayaripub.in