Goodmorning

सुखी होने में ज्यादा खर्च नहीं होता,लेकिन हम कितने सुखी हैं, ये लोगों को  दिखाने में बहुत खर्च होता है।।
मेरी कथा का एक हेतु है ....आपका चित्त प्रसन्न हो.... 

मैं मोक्ष बांटने नहीं निकला हूँ ... मैं प्रसन्नता बांटने के लिए निकला हूँ ....आप प्रसन्न रहो ....क्यों इतने सीरियस हो ?....

मैं जगत की इतनी बदनामियाँ मेरे सिर का मुकुट बना कर बैठा हूँ ....फिर भी उसी मार्ग पर चल रहा हूँ ..... कभी ये गांव ...कभी ये गांव ....कभी ये गांव....
मतलब क्या ?....आपकी चैत्सिक प्रसन्नता.... क्योंकि आदि शंकर ने हमें बताया प्रसन्न चित्ते परमात्म दर्शन..... भगवान का दर्शन करना है तो तुम्हारा चित्त प्रसन्न हो.....
बापू
मानस रामरक्षा 
जय सियाराम

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