शुभ सोमवार, Goodmorning

🌺कर्मणा जायते जन्तु: कर्मणैव विलीयते ।
सुखं दु:खं भयं क्षेमं कर्मणैवाभिपद्यते॥🌺



कर्म से ही जीव की उत्पत्ति होती है तथा अपने कर्म के कारण ही वे विलीन(नष्ट) हो जाते हैं।सुख,दुःख,भय और अभय(सुरक्षा) की ये  सभी  परिस्थितियां भी कर्म करने से  ही
आती हैं।
                             Shayaripub.com.  
                              हिन्दी शायरी दिल से 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल छोड़,shayaripub.in

      अचलाएसगुलेरिया की कलम से                   चल छोड़ चल छोड़ छोड़ कहते कहते वह हमें छोड़ कर चले गए । दिल जिनके बक्से में रखा था वह त...