🌺कर्मणा जायते जन्तु: कर्मणैव विलीयते ।
सुखं दु:खं भयं क्षेमं कर्मणैवाभिपद्यते॥🌺
कर्म से ही जीव की उत्पत्ति होती है तथा अपने कर्म के कारण ही वे विलीन(नष्ट) हो जाते हैं।सुख,दुःख,भय और अभय(सुरक्षा) की ये सभी परिस्थितियां भी कर्म करने से ही
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हिन्दी शायरी दिल से
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