जय सिया राम

कृपा करिअ पुर धारिअ पाऊ। 
थापिय जनु सबु लोगु सिहाऊ॥
कहेहु सत्य सबु सखा सुजाना। 
मोहि दीन्ह पितु आयसु आना॥

अर्थ:-अब कृपा करके पुर (श्रृंगवेरपुर) में पधारिए और इस दास की प्रतिष्ठा बढ़ाइए, जिससे सब लोग मेरे भाग्य की बड़ाई करें। श्री रामचन्द्रजी ने कहा- हे सुजान सखा! तुमने जो कुछ कहा सब सत्य है, परन्तु पिताजी ने मुझको और ही आज्ञा दी है॥

श्री रामचरित मानस 
अयोध्याकांड (८७) 
🙏🌺 जय सीयाराम 🙏 🌺
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼Shayaripub.com🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼हिन्दी शायरी दिल से🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल छोड़,shayaripub.in

      अचलाएसगुलेरिया की कलम से                   चल छोड़ चल छोड़ छोड़ कहते कहते वह हमें छोड़ कर चले गए । दिल जिनके बक्से में रखा था वह त...