Good morning

कैसे बनायें तेरी यादों से दूरियाँ,

दो कदम जाकर सौ कदम लौट आते हैं !!
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लहरों में डूबते रहे , दरिया नहीं मिला
उससे बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला   

वो भी बहुत अकेला है , शायद मेरी तरह  
उसका भी कोई चाहने वाला नहीं मिला 

साहिल पे कितने लोग मेरे साथ-साथ थे  
तूफ़ान की ज़द में आया , तो तिनका नहीं मिला   

दो-चार दिन तो कितने सुकून से गुज़र गए  
सब खैरियत रही , कोई अपना नहीं मिला 


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Goodmorning

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