उलझन

 गुजरे वक्त की हसीन यादों में खो जाने दो
जब तक अंधेरा है
दिल के शहर में
मुझे बस सो जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷
जमीन से भी सोना निकाल
सकते हैं तेरे लिए
बस बदन को पसीने से भिगो जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷
फायदा ही क्या है ???
मुझ पर भरोसा नहीं है तो
सुनो गलतफहमीओं को
कुछ और बड़ा हो जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷
बहुत सीधा हूं और
आसान भी हूं
थोड़ा सा मुझे भी
मुश्किल सवाल हो जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷🌷
बहुत चेहरे जो खुद को भी
पहचानते नहीं ....
अब उन्हें....
मुझे आईना दिखाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷
जलन से भरे जमाने में
पहचान नहीं चाहिए...
अब मुझे खाली हाथ
घर लौट जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷
मुझे नहीं चाहिए.....
कमबख्त
जमाना मैं सिर्फ मेरा हूं
मुझे अब मेरा हो जाने दो
🌷🌷🌷🌷🌷🌷

                      अचला एस गुलेरिया
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