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मेरे खामोश लफ्जों को
आवाज दे दो ना ...
नगमा मैंने लिखा है 
तुम अपने सुर में गा दो ना ।।

यूं तन्हा चलने का ..
तजुर्बा लंबा है मेरा 
तुम्हें गर साथ चलना है ...
साथ चलना सिखा दो ना।।

  रहा खामोश ....
डूबा दर्द में...
 जगा है सदियों से 
सहला के उसके जख्मों को..
 जरा मरहम लगा दो ना।।

 जो रिश्ता तुझसे है ...मेरा 
जो रिश्ता मुझसे है.... तेरा 
उसी रिश्ते में बंध जाओ
 मुझे अपना बना लो ना।।

मेरे खामोश लफ्जों को
आवाज दे दो ना ...
नगमा मैंने लिखा है 
तुम अपने सुर में गा दो ना ।।
                          अचला एस गुलेरिया                 ❤❤Shayaripub.com ❤❤


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