आपका मंगल हो

मेरे मिज़ाज को समझने के लिए, बस इतना ही काफी है, हम उसके हरगिज़ नहीं होते..... जो हर एक का हो जाये।
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Mere mijaj ko samjhneke liye ,
Bus itna hi kafi hai
Hum uske hargiz nahin hote
Jo har ek ka ho jaye
🌺🌺🌺🌺🌺हिन्दी शायरी दिल से 🌺🌺🌺🌺🌺🌺

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