*जो जले थे हमारे लिऐ,*
*बुझ रहे है वो सारे दिये,*
*कुछ अंधेरों की थी साजिशें,*
Shayaripub.com
हिन्दी शायरी दिल से
Shayaripub.com
💚 हिन्दी शायरी दिल से 💚
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें