श्रीजगन्नाथ मंदिर के दक्षिण द्वार के पास श्रीहनुमान जी.. ..!!
कहा जाता है ..समुंदर की लहरें कभी भी मंदिर के प्रांगण में आ जाती थी और वहां पर आए भक्तों को उससे बहुत दिक्कत होती थी इसको रोकने के लिए जगतगुरु आदिशंकराचार्य जी ने दक्षिण द्वार पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर उनका आह्वान किया और समंदर को रोक कर रखने की प्रार्थना किये..!!
... लोककथाओं में वर्णित है कि उसके बाद हनुमान जी की कृपा से समुंदर के द्वारा पूरी में
कभी भी कोई भी प्राकृतिक आपदा नहीं आई है..!!
जय श्री हनुमान
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
जय श्री राम
वीर मारुती अति धीर मारुति
गीत मारुति संगीत मारुति
दूत मारुति रामदूत मारुति
भक्त मारुति परम भक्त मारुति
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