Good night # शुभ रात्रि

पत्थर की है दुनियां...
जज़्बात नहीं समझती..
..दिल में क्या है...?
वो बात नहीं समझती...
तन्हा तो  चांद भी है...
सितारों के बीच...
पर चांद का दर्द...
काली रात नहीं समझती।।
pathar ki hai Dunya jagat nahin samjhti
Dil mein kya hai vo bat nahin samjhti
Tanha to chand bhi hai sitaron ke beech
Per chand ka durd ye raat nahin samjhti
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हिन्दी शायरी दिल से 

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Goodmorning

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