।।श्रीहरि:।।
जब आप राम-राम-राम कह रहे हैं, राम-राम-राम कहतेहुए भी *मनसे दूसरी बात याद आ जाती है,* उस समय हम भगवानको भूल जाते हैं *तो भगवानसे कहो*—‘हे नाथ ! मैं भूलूँ नहीं, हे प्रभो ! भूलूँ नहीं। *हे नाथ ! मैं आपका नाम लेता रहूँ और आपको भूलूँ नहीं।’* भगवानसे ऐसी प्रार्थना करते रहो तो भगवानकी कृपासे यह *भूल मिट जायगी।* भजन होने लगेगा। *फिर अखण्ड भजन होगा, अखण्ड !* ‘ताली लागी नामसे और पड्यो समँदसे सीर’ भगवानके नामकी धुन लग जायगी। *फिर आपको भीतर स्मरण करनेका उद्योग नहीं करना पड़ेगा। स्वत: ही भगवानकी कृपासे भजन चलेगा।* परन्तु पहले आप नाम लेनेकी चेष्टा करो और भगवानसे प्रार्थना करो।
..................राम राम राम................
* आप अपनी चिंता आस्था में परिवर्तित कर देते हैं l तब ईश्वर हमारे संघर्ष को आशीर्वाद में परिवर्तित कर देता है*
🙏🙏 *शुभप्रभात*🙏🙏
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