सदैव मांधातृपुरे बसंतमोंकार मीशं शिव मेक मीडे ।।4
जो सत पुरुषों को संसार सागर से पार उतारने के लिए कावेरी और नर्मदा के पवित्र संगम के निकट मांधातापुर
में सदा निवास करते हैं । उन अद्वितीय कल्याणमय भगवान ओंकारेश्वर का मैं स्तवन करता हूं।
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*मन ही मन भगवान से क्या बातें करें क्या मांगे*
*1.हे मेरे बाबा.मेरी इच्छा कभी पूर्ण न हो सदैव आपकी ही इच्छा पूर्ण हो.क्योंकि मेरे लिए क्या सही है ये मुझसे बेहतर आप जानते हैं*.
*2.हे बाबा ! मेरे मन,कर्म और वचन से कभी किसी को भी थोड़ा सा भी दुःख न पहुँचे यह कृपा बनाये रखे*.
*3.हे बाबा!मैं कभी न पाप करूँ, न होता देखूं सुनू और न ही कभी किसी के पाप का बखान करूँ*.
*4.हे बाबा!शरीर के सभी इन्द्रियों से आठो पहर केवल आपके प्रेम भरी लीला का ही आस्वादन करता रहूँ.*
*5.हे बाबा!प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में भी आपके मंगलमय विधान देख सदैव प्रसन्न रहूँ*.
*6.हे बाबा!अपने ऊपर महान से महान विपत्ति आने पर भी दूसरों को सदैव सुख ही दिया करू.*
*7.हे बाबा! अगर कभी किसी कारणवश मेरे वजह से किसी को दुःख पहुँचे तो उसी समय उससे हाथ जोड़कर क्षमा माँग लू*.
*8.हे बाबा!आठो पहर रोम रोम से केवल आपके नाम का ही जप होता रहे.*
*9.हे बाबा मेरे आचरण आपकी क्षीमत
अनुकूल हो.*
*10.हे बाबा!हर एक परिस्थिति में मुझे आपका ही सिमरंन हो *
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