भजन


               भजन
जग तो देखे महज प्रस्तुतीकरण तुम्हारा
ईश्वर सदा ही देखे अंतः करण तुम्हारा

धर्म-कर्म सब उसको अर्पित कर दो अपने
सहज भाव से पूरे होंगे सारे सपने
स्वयं प्रभु करेंगे पोषण भरण तुम्हारा
ईश्वर सदा ही देखें अंतः करण तुम्हारा

धूप दीप नैवेद्य प्रभु चरणों में चढ़ाओ
प्रेम भाव से हरि चरणों में शीश झुकाओ
आनंद से प्रभु भरेंगे वातावरण यह सारा
ईश्वर सदा ही देखे अंतः करण तुम्हारा

हरि इच्छा को अपना जीवन मंत्र बना लो
कर्म गति से जीवन को स्वतंत्र करा लो
मिट जाएगा फिर यह आवागमन ही सारा
ईश्वर सदा ही देखे अंतः करण तुम्हारा 
                               अचलाएसगुलेरिया
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             हिन्दी शायरी दिल  से 

1 टिप्पणी:

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