ना....
⚘ ना ना कुछ लिखने को ना कहना आज दिल परेशान बहुत है।
रिश्तों की कश्तियों को बांध लो मन्नत के धागे क्योंकि समंदर में तूफ़ान बहुत है।।⚘
⚘कौन समझेगा कौन चलेगा तेरे साथ ।
तू गिरेगा तो सब खींच लेंगे अपना हाथ ।
यह शहर का शहर बेईमान बहुत है।।⚘
⚘जिन परिंदों को उड़ान देने में तूने मुड़कर न देखा खुद को ।
वो ही छोड़ जायेंगे ...पंख मिलते ही तुझको।।
उनकी ख्वाहिशों की ऊंची उड़ान बहुत है।।⚘
⚘जायज नहीं नाजायज रिश्ते चुने जा रहे हैं
झूठ फरेब से अय्याशी के कसीदे बुने जा रहे हैं
सेल लगी है जिस्मों की
रूहानी इश्क के दाम बहुत हैं।।⚘
⚘टूट चुका है तू अब नहीं बिखरना है तुझे ।
पोंछ अपने आंसू अब खुद के लिए खुद ही निखरना है तुझे।
शाम ढलने लगी है, और तुझे काम बहुत हैं।।⚘
⚘अचलाएस गुलेरिया⚘
Superb
जवाब देंहटाएंThanx amit ji
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