: "सुकून" देता है...कुछ "लोगों" का..."खैरियत" से होना ही..
:वो "अपना" है...या "पराया"..."फर्क" नहीं पड़ता...
यही दो काम मोहब्बत ने दिए हैं हम को..!!
दिल में है याद तेरी, ज़िक्र है लब पर तेरा....!!!!
ये दिल अब पत्थर का हो चुका,
कोई ज़रूरत नहीं तुझे आने की।
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