तुम सोने ही कहां देती हो,
कभी बाँहो मे भर अंगड़ाई लेती हो,
कभी मस्तक को चूम लेती हो,
कभी आंखों मे आँखे डाल,
मुझे बैचेन करती हो,,
कभी नासिका को छूती हो,
कभी गालों की चुटकी लेती हो,,
तुम बड़ी बैचेन करती हो,
जब होंठो को होंठो से चूम लेती हो,,
कभी सीने पे मस्तक रख,
तुम मुस्कुराती हो,,
हाथों की पोरों मे जब तुम ,
उंगलियों से,
अठखेली करती हो,
बड़ी मासूम लगती हो,
बड़ी शौख लगती हो,,
तेरी चंचल अदा मुझको सदा,
बैचेन करती है,
मैं कब तक रखूं काबू मे,
अपनी भावनाओ को,
तुझे तो सोचते ही मेरा,
तन मन डोल जाता है,,
तुझमे समाने की चाहत मे,
मै सब कुछ भूल जाता हूँ,,
फिर तुम मुझमे डूब जाती हो,
मैं तुममे डूब जाता हूँ,,
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⚘आपके दीदार के लिए दिल तड़पता है,⚘
⚘आपके इंतजार में दिल तरसता है,⚘
⚘क्या कहें इस कम्बख्त दिल को,⚘
⚘अपना हो कर भी आप के लिए धड़कता है।⚘
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