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जुबां खामोश, आँखों मे नमी होगी,
यही बस मेरी एक दस्तान-ऐ-जिन्दगी होगी,
भरने को तो हर जख्म भर जाऐगा..
कैसे भरेगी वो जगह जहा तेरी कमी होगी...
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आपके साथ रहते रहते आपसे चाहत सी हो गई,
आपसे बात करते करते आपकी आदत सी हो गई,
एक पल आप हमें न मिले तो दिल बेचैन हो जाता है,
आपसे दोस्ती निभाते निभाते आपसे मोहब्बत सी हो गई।

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Good night

चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………. .लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….