राधे राधे
कृष्ण तेरी मेरी प्रीत पुरानी ,
शक की ना गुंजाइश है !
! रखना हमेशा चरणों में ही ,
छोटी सी ये फरमाइश है !
I I जय श्री राधे कृष्ण l l
. कभी भी
अभिमान न करें।
कहने का तात्पर्य यह है कि
आप चाहे कितने ही निपुण हैं,
कितने ही बुद्धिवान हैं,
कितने ही महान एवं विवेकपूर्ण हैं
लेकिन आप स्वंय हर परिस्थिति के ऊपर
पूर्ण नियंत्रण नहीँ रख सकते।
आप सिर्फ अपना प्रयास कर सकते हैं
और उसकी भी एक सीमा है।
जो सीमा से आगे की बागडोर संभलता है
उसी का नाम परमात्मा है।
इसलिये जो भी कार्य करें परमात्मा को
पूरी तरह समर्पित कर के करें
साक्षी मान कर करें।
सतगुरु नमन
Jai Shree Krishna 🙏
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