shayari

हमारे दिल के दफ़्तर में तबादले कहाँ 

:::::;   ऐ दिलरुबा:::::::

यहाँ जो एक बार आया बस यहीं रह गया

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सुलगते रहते हैं कुछ सवाल ज़हन में,

आजकल के रिश्ते बुझे-बुझे से क्यूँ हैं।।

🍁🍁🍁🍁सुलगते रहते हैं कुछ सवाल ज़हन में,

🍁🍁🍁🍁🍁आजकल के रिश्ते बुझे-बुझे से क्यूँ हैं।।
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