बरसात ,

पर्वतों से झरनों के गिरने का मौसम है
भाव भावनाओं के निकलने का मौसम है।।

चप्पल अच्छे से brand की पहनना
दिल नजर कदम फिसलने का मौसम है।।

सफाई अभियान जोरों पर है रब का
बादलों के गरजने बरसने का मौसम है।।

दिल को मजबूती से थामे रखना
किसी रूपसी का बिजली से डरने का मौसम है।।

पल पल में रंग बदल रहा है धौलाधार
बादलों का पहाड़ों पर टहलने का मौसम है ।।

लगाम कस लेते हैं कवि स्वच्छंद मन की
हाथ में कलम के मचलने का मौसम है ।।

उमस जलन कीचड़ समाज का देखकर
मौसम से उसको जोड़कर लिखने का मौसम है।।
                                      अचलाएसगुलेरिया
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1 टिप्पणी:

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