मुझे कुछ कहना है,gajal

मैं आवाज लगाती हूं फिर पीछे पीछे आती हूं 
अबकी बार एक काम करो तुम आवाज लगाओ ना 

नहीं लेनी है मुझे दवाई सिर का दर्द हटाने को 
पास बैठ कर ,बात करो हल्के से सिर को दबाओ ना 

होटल में ,कभी ..घर में ,यारों के लिए सजाते हो
मैं और तुम ही बैठे हों कुछ पल ऐसे सजाओ ना 

चाय पानी खाना कपड़े इस में उलझ गई हूं कहीं
इलायची वाली सुबह की चाय तुम भी कभी पिलाओ ना 

कमियां ही कमियां है मुझ में तुमसे अक्सर सुना मैंने
फिर भी साथ चले हो मेरे!! सॉलिड रीजन बताओ ?
                    Shayaripub.in 

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Good night

हम सच बोलते हैं वहम है तुम्हे! हमें हमारे बारे में पूछ कर तो देखो:! वो न आयेंगे जिनकी रजा में राजी रहते हो कभी उनसे हल्का सा रूठ कर तो देखो:...