Good night

फिक्र ना करो हम कोई जंजीर नहीं है 

            कि पाँव से लिपट जाएंगे हमे तों मुहब्बत हैं 

खाक बनके तेरी राहों में बिखर जाएंगे
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Good night

चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………. .लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….