Good night

हमारे ख्वाब में आना उसे क़ुबूल नहीं  
कहीं मिले तो हमारा सलाम कह देना


इश्क़ में हर नफ़स इबादत है 
मज़हब-ए-इश्क़ आदमियत है

इक मोहब्बत भरी नज़र के सिवा 
और क्या अहल-ए-दिल की क़ीमत है 

हफ़ीज़ बनारसी

हाल दिल उनको सुनाया गया
आखों को ही जुंबा बनाया गया....

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