Good night

कुछ ख़्वाब गोटे-से
चुनरी पे, अटके..
कुछ ख़्वाहिशें 
अधूरी-सी
आसमाँ पे टँगी..
मन पलाश वन-सा
दहकता रहा..
और, 
जीवन सपने-सा
बीत गया..!!
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1 टिप्पणी:

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