holi soecial

होली पे मिलने का दस्तूर तुम कुछ यूँ निभा जाना 
Achlasguleria 
मैं आसमान से गुलाल गिराऊँ तुम छत पर आ जाना 


हर मुलाक़ात इशारा है कुदरत का,
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रंग किसी का किसी पर तो चढ़ेगा ज़रूर!


तुम अपने रंग में जो रंग लो तो होली है ,
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नहीं तो रंगों का त्योहार आज भी एक पहेली है....!!


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