हिन्दी कविता" मेघनाद "

यह कविता मेरे दिल के बहुत करीब है। मेघनाद का पुतला दशहरे में जलता हुआ जब भी मैं देखती हूँ तो लगता है कि 
हम एक पितृ भक्त पुत्र को 
एक देशभक्त योद्धा को
अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले व्यक्ति को 
राम भी जिसका नाम सम्मान से लेते हैं,  
जिसको गोस्वामी तुलसीदास जी ने बहुत अच्छे से चित्रित किया है......उसे जलाने का अधिकार हमें है भी या नहीं?
          ये कविता मेरे व्यक्तिगत विचार हैं आप सहमत नहीं भी हो सकते और मेरी सोच से यदि आपको वेदना पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ।                          shayaripub.com 
                        हिन्दी शायरी दिल से 

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