#बिकता है #गम
#हँसी के #बाज़ार मे
लाखो #दर्द छिपे होते है
#एक छोटे से #इनकार मे
वो क्या #समझ पाएंगे
#प्यार की #कशिश,
जिन्होंने #फर्क ही नहीं #समझा
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🌹हिन्दी शायरी दिल से🌹
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