कविता....क्यूँ

उपयोगिता:रिश्तों का पैमाना हो गया
कल साथ था:आज बेगाना हो गया।।
कल तक था हमदम,हमराही
मिले आज;जमाना हो गया ।।
नाज था तेरी ;दोस्ती पे
आज  यूं ;अफसाना हो गया ।।
गरूर था हमें;दोस्ती पर हमारी
क्यों तू चाटुकारिता;पे दीवाना हो गया।।
माना !समय के साथ ;बदलते साथ
आज हमारा याराना;क्यों पुराना हो गया।।
सुना था;प्यार साथ;वक्त का मोहताज नहीं
फिर यह क्यों;अनमोल किस्सा,पुराना हो गया ।।
उपयोगिता;रिश्तों का पैमाना हो गया
कल साथ था;आज बेगाना हो गया ।।
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लेखक......लोकेश नंदन 
      कांगड़ा 
हिमाचल प्रदेश 
                       हिन्दी शायरी दिल से 

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