चले थे साथ जो मेरे ..आज वो जाने किधर गए। ।
मेरे दिल में..... अपना घर बनाने वाले
शाम ढलते ही, अपने-अपने घर गए ।।
धोखा फरेब दर्द सह लिया इतना
नाम के वर्ण तक मेरे टुकड़ों में बिखर गए
दर्द ने मुझे सारा जहां समझा दिया
इतने तपे कि सोने से ज्यादा निखर गए
अब जिएंगे तो अपनी मस्ती में जिएंगे
उसे चाहेंगे जिसे चाह कर पत्थर भी तर गए
अचलाएस गुलेरिया
Shayaripub.com
Hindi shayari dil se
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