हे आदि गुरु शंकर पिता राज राज नमो नमः।।
गंभीर नाद मृदंगना धबके पूरे ब्राह्मंडना
नित होत नाद प्रचंडना नटराज राज नमो नमः ।।
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद् ब्रह्मा ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां नटराज राज नमो नमः।।
तब शक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता
चहुवेद गाये संहिता नटराज राज नमो नमः।। shayaripub.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें