ओम नमः शिवाय

🌹सौराष्ट्र देशे विशदेअति रम्ये ज्योतिर्मयं चंद्रकलावंतसम
भक्ति प्रदानाय कृपावतीर्णम तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये। ।🌹

🌹✍।।जो अपने शक्ति प्रदान करने के लिए अत्यंत रमणीय तथा निर्मल सौराष्ट्र प्रदेश मैं दया पूर्वक अवतरण हुए हैं चंद्रमा जिनके मस्तक का आभूषण है उन ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान श्री सोमनाथ की शरण में मैं जाता हूं।।🌹✍
           Shayaripub.com 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Goodmorning

तुम्हारा  एक प्रणाम🙏🏼 बदल देता है सब परिणाम ।।          Shayaripub.in