सुख चैन लूट लेते हैं अब दोस्त ऐसे होते हैं।
मौके पर धोखा देते हैं अब दोस्त ऐसे होते हैं ।।
वफादारियों के कसीदे बुनते हैं ।
लूटने के लिए आपका ही घर चुनते हैं।।
आए दिन आंसू बहा आपका बैंक बैलेंस उड़ाते हैं ।।
⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं✍
जीवन भर तुमसे जलते हैं ।
लालच के मारे साथ चलते हैं ।।
घर परिवार उजाड़ जाते हैं
⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं✍
रिश्तेदारों को घर आने से टालते हैं।
लोग दोस्तों के नाम आस्तीन में सांप पालते हैं ।।
जो डसते नहींधीरे-धीरे जहर पिलाते हैं
⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं ✍
अचला एस गुलेरिया
Wah...True wording.👌🌹
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