कविता # Poem ,special on fake friendship #

सुख चैन लूट लेते हैं अब दोस्त ऐसे होते हैं।
मौके पर धोखा देते हैं अब दोस्त ऐसे होते हैं ।।

वफादारियों के कसीदे बुनते हैं ।
लूटने के लिए आपका ही घर चुनते हैं।।
आए दिन आंसू बहा आपका बैंक बैलेंस उड़ाते हैं ।।
             ⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं✍ 

जीवन भर तुमसे जलते हैं ।
लालच के मारे  साथ चलते हैं ।।
घर परिवार उजाड़ जाते हैं 
        ⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं✍

रिश्तेदारों को घर आने से टालते हैं।
लोग दोस्तों के नाम आस्तीन में सांप पालते हैं ।।
जो डसते  नहींधीरे-धीरे जहर पिलाते हैं
⚘अब दोस्त ऐसे होते हैं ✍
                                  अचला एस गुलेरिया
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