emotional shayari ,shayari

मैं शौक दबा कर रखता हूँ बीमार थोड़ी हूँ ,
 तुम चाहती हो मैं रोज मिलूं अखबार थोड़ी हूँ 


दुनिया में कम लोग ही ऐसे होते हैं

जो लगते हैं जैसे..

वैसे होते हैं!!!

.
ज़िंदगी को हौसला देने के ख़ातिर
ख़्वाहिशों को रेज़ा रेज़ा चुन रहा हूँ 
      
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