hindi shayari # emotional shayari

तेरी यादों की चिड़िया 
अक्सर बैठ जाती है मन की मुंडेर पर
कुछ लम्हे गुलेल दागते हैं
भगाते हैं उसे..
फिर कुछ दाने लम्हों के 
...........बैठ जाते हैं!!!
उसके आगे बिखेर  कर
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मैं तो  माटी  का  एक हिस्सा  था बेरस
 पावन गंगा ने आकर बनाया मुझे बनारस.
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            “काश...वो ये समझ पाता,

   कि कम्बख़्त "काश" से रोज कितना लड़ते हैं हम।”
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                        Hindi shayari dil se

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