न शाम की ख्वाहिश न रात की चाहत है...
वो जिस पहर मिले उस पहर से मोहब्ब्त है...
न शाम की ख्वाहिश न रात की चाहत है...
वो जिस पहर मिले उस पहर से मोहब्ब्त है...
अच्छा लिखना ही सब कुछ नहीं होता जनाब,
पढ़ने वाले भी तो दिलदार होने चाहिए....
हिन्दी शायरी दिल से
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