मानस दीपावली

चलो दीवाली का दीपक अयोध्या से लाएं

 
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

देखो हनुमान आए हैं भरत को मिलने जाएंगे!
कल प्रभु पधारेंगे यह संदेश सुनाएंगे
हम भी साथ चलेंगे जहां पर राम भरत से भेंटेंगे
राम साकेत पुरी में आए पूजा कर लेंगे

इतना बड़ा है राम का विमान
छोटा पड़ गया आसमान
राम के पीछे पीछे इससे सुग्रीव विभीषण उतरेंगे
 राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

भरत जी दौड़े आते हैं
उन्हें प्रभु गले लगाते हैं
चारों भाइयों का यह मिलन सब आनंद से देखेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

राम जी रूप अनेक बनाकर
मिले प्रभु.. सबको गले लगा कर
ऐसा मौका फिर ना मिलेगा हम भी चरण रज ले लेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे
माता कैकई को गले लगाया
फिर ,सब बड़ों से आशीष पाया
विशिष्ट के साथ प्रभु अब! राज महल में लौटेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

राज सिंहासन पर प्रभु सोहे
ऋषि मुनि देवों के मन मोहे
ढोल नगाड़े बजते हैं ...हम भी जाकर नाचेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

अवध में आज दीवाली ऐसी
जग में कभी हुई ना जैसी
दीप जलाओ मानस मन  से थोड़ा घी भी डालेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

चरण सरयू जी ने धोए
भाव यह सबके नयन भिगोए।
प्रभु के कोमल चरण को छूकर हम भी धन्य हो लेंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे

अवध में उजियारा चहुं ओर
रात को हो गई देखो भोर
दीपक एक वहां से लाकर अपने घर में जलाएंगे
राम साकेत पुरी में आए मानस पूजा कर लेंगे
                                         अचलाएस गुलेरिया
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