#सुप्रभात # Goodmorning # jai siyaram #


तुम्ह त्रिकाल दरसी मुनिनाथा। 
बिस्व बदर जिमि तुम्हरें हाथा ॥
अस कहि प्रभु सब कथा बखानी।
जेहि जेहि भाँति दीन्ह बनु रानी॥ 

अर्थ:-हे मुनिनाथ! आप त्रिकालदर्शी हैं। सम्पूर्ण विश्व आपके लिए हथेली पर रखे हुए बेर के समान है। प्रभु श्री रामचन्द्रजी ने ऐसा कहकर फिर जिस-जिस प्रकार से रानी कैकेयी ने वनवास दिया, वह सब कथा विस्तार से सुनाई॥ 

श्री रामचरित मानस 
अयोध्याकांड (१२४) 


आप की परंपरा कुछ भी हो.... आपका मंत्र कुछ भी हो.... आपके गुरु कोई भी हो ....लेकिन भूल से कभी शंकर का अपराध मत करना ....

शंभू विमुख हुए तो दुर्गति के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता......

मानस भरोसो 
जय सियाराम


हमेशा छोटी छोटी 
गलतियों से बचने की 
कोशिश 
किया करो।।ये ज़्यादा 
             कष्ट देती हैं 

                  सुप्रभात


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