हरे कृष्णा #hare krishna

जो कथा सुनता है उसे और कुछ करने की जरूरत नहीं है। वैसे तो तुम भगवान का दर्शन करते हो पर जब तुम कथा में बैठते हो तो भगवान तुम्हारा दर्शन करता है। मद् भक्ता यत्र गायंति तत्र तिष्ठामि नारदः।। वैसे तो आप तीर्थ में जाते हो पर सच कहूँ जब कथा में बैठते हो तो तीर्थ आपमें प्रवेश करता है। 

कथा परिस्थितियाँ नहीं बदलती भजन परिस्थितियाँ नहीं बदलता। लोग भजन को विचित्र प्रकार से परिभाषित करते हैं। अरे हम कथा में बैठे हमारा फलाना काम बन गया, दुःख सुख में बदल गया। न न। 

कथा उसे नहीं कहते जो दुःख को सुख में बदलती है कथा उसे कहते हैं जो सुख और दुःख से ऊपर उठा देती है। सुख दुःख समेकृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।। 

परिस्थिति जो बदल दे, वहिर्मुख को अंतर्मुख कर दे, समाज की असुविधाओं को सुवीधाओं में बदल दे, छोटे घर से को बड़ा घर कर दे, छोटी गाड़ी को बड़ी गाड़ी कर दे। ये सब परिस्थितियाँ हैं जो रोज बदलती है। 

पर ये प्रतिस्पर्धा समाप्त नहीं होगी अगर आपकी स्थिति नहीं बदलती तो। आज कुछ आएगा कल कुछ आएगा पर अगर भीतर ठीक हो गया तो कुछ भी आ जाए फरक नहीं पड़ेगा।

।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।


*हे सखी....🌷🌷

मैं तो साँवरे से
अखियाँ मिला बैठी।
हाल सखियों को
दिल का सुना बैठी।
🌷🌷🌷🌷
मैं तो पनिया भरन
को आई थी।
देख साँवरे को
मैं शरमाई थी।
भोली सूरत पे
दिल को लुटा बैठी
🌷🌷🌷🌷🌷
वह तो ब्रज का
इक ग्वाला है
सब का मन
मोहने वाला है।
उस ग्वाले से
दिल को लगा बैठी।
🌷🌷🌷🌷🌷
मैं ने समझाया
लाख सखी।
पर उसने पकड़
लिया हाथ सखी।
फिर क्या था,
मैं सब कुछ भुला बैठी।
🌷🌷🌷🌷🌷
मैं तो साँवरे से
अखियाँ मिला बैठी।
हाल सखियों को
दिल का सुना बैठी।
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                           हिन्दी शायरी दिल से 

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