⚘दुर्गा स्तोत्र😡
⚘जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।⚘
⚘जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥⚘
⚘जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।⚘
⚘जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥⚘
⚘जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।⚘
⚘जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥⚘
⚘जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।⚘
⚘जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥⚘
⚘जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।⚘
⚘जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे..
.. जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥⚘
एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
⚘गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥⚘
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